Biography taj mahal hindi

ताजमहल

ताज महल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में, आगरा शहर में यमुना नदी के दक्खिनी किनारे पर मौजूद एक ठो सफ़ेद संगमरमर के मकबरा बाटे। मुग़ल बादशाह शाहजहाँ 1632 मे, ई मकबरा अपने प्रिय बेगम मुमताज महल खातिर बनववलें। शाहोजहाँ के कब्र एहिजे बा। एकर हाता 42 मे बा जेह मे ताजमहल संगे एगो महजिद, अतिथिगृह आ बगइचा बा।

एकर समाधि 1643 ए मे बन के तेयार हो गइल रहे, बाकिर अउरी सभ चीझ बनावे मे दस बरिस अउरी लागल। अइसन मानल जाला जे 1653 मे ई पूरा बनि गइल रहे, आ एकरा बनावे मे जवन खरचा आइल रहे ऊ ओह घड़ी के हिसाब से 3.2 करोड़ रोपेया रहे, जवन की 2020 मे 7000 करोड़ रोपेया के बरोबर बा। एकरा बनावे मे 20,000 मजूरा मिस्तीरी लोग काम कइले रहे।

1983 मे यूनेस्को एकरा बिस्व धरोहर स्थल घोसित कइलस। एकरा मुगल कला मे सभ से नीक नमुना मानल जाला। हर बरिस दुनिया भर से 70-80 लाख लोग एकरा देखे आवेला।

नांव

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अब्दुल हमीद लाहोरी, 1636 मे लिखल किताब पादशाहनामा मे ताजमहल के नांव रौज़ा-ई-मुन्नवरह लिखल बा, जेकर माने होला परसिद्ध समाधी। आज काल एकरा ताज महल कहल जाला।

प्रेरना

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ताज महल बनावे के निर्देश बादशाह शाह जहाँ 1631 मे दिहले रहन, जब 17 जुन के, आपन चउदहवा लइका के जनम देत घड़ी उनकर मेहरारू मुमताज महल मू गइली। एकरा बनावे के काम 1632 मे चालू भइल, आ 1648 ले समाधी बनि के तेयार हो गइल रहे आ ओकरा बाद बगईचा आ बाकी सभ भवन बनल। मुमताज महल के मुअला के बाद शाहजहाँ के दुख मे दस्तावेजीकरण करे वला शाही दरबार ताजमहल के प्रेरणा के रूप मे आयोजित प्रेम कथा के देखावेला।

शाह जहाँ आ मुमताज महल

"ग्लोब पर खड़ा शाहजहाँ" स्मिथसोंनियन इंस्टीच्यूट से 

मुमताज महल के चित्र 

आर्किटेक्चर आ डिजाइन

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संदर्भ

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बाहरी कड़ी

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